दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं की हैं. प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने और दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को महीने में 500 रुपए यानी साल में 6 हजार रुपए का नकद समर्थन देने का ऐलान किया है.
अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि बीजेपी को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नुकसान हुआ. किसानों और मध्यम वर्ग के अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा पीयूष गोयल ने की. इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट प्रस्तावों में कुल मिलाकर करीब सवा लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है.
पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके की मांग को स्वीकार करते हुये पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को टैक्स मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा कि वह टैक्स स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर टैक्स से पूरी छूट होगी.
Last year the Government restored the benefit of Standard Deduction to salaried taxpayer at Rs.40,000/-. This year this benefit is being extended to Rs.50,000/-.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 1, 2019
उन्होंने कहा ‘‘यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. इसके अलावा यदि आवास रिण लिया गया है तो उसके दो लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान पर भी टैक्स छूट उपलब्ध होगी. पेंशन योजना एनपीएस पर पचास हजार रुपये की अतिरिक्त कर छूट है.’’ बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है.